Practical Philosophies of BRUCE LEE | Hum Jeetenge
ब्रूस ली का नाम सुनते हैं तो सबसे पहले जेहन में आता है कुमार मार्शल आर्ट्स और प्रैक्टिकल सही भी है हमने उनको स्क्रीन पर ऐसे ही देखा है जो लोग ब्रूस को बचपन से जानते हैं वो कहते हैं कि रूस बचपन से ही पड़ी जिंदगी जीना चाहते थे

वे हर मौके पर सीखने और करने के लिए तयार रहते बचपन से ही उन्होंने अनगिनत घंटे पढ़ने और मार्शल आर्ट्स में लगा दी है तीस साल की उम्र तक उनके लाइब्रेरी में हज़ार के दामों से ज्यादा थी और ये उस दौर की बात है जब भी आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे सबसे बड़ी बात जो मुझे पर्सनली अच्छी लगी जो उन्हें आम जनता से अलग करती थी कि वह थ्योरी पढ़ते थे लेकिन जो भी चीज़ उन्हें इंटेलेक्चुअल समझाती थी
उसे मार्शल आर्ट और डिसिप्लिन के जरिए अपने जीवन में उतारते थे दूसरी सुपर पावर है इसे आगे भी उसे जरूर देखेंगे पूछने के लिए मसला केवल लड़ाई नहीं थी वे इलाज के जरिए अपने कंप्यूटर दौड़ते रहते है और दर्द का सामना करते रहते हैं इसलिए हमेशा इतने कॉन्फिडेंट और करिज्मेटिक नजर आते थे दूसरी कांग्रेस हमसे इंस्पायर थे तावेज अनकही है
कि सच या नी ताओ यानी यूनिवर्सल ट्रुथ जिसकों ईश्वर गॉड अल्लाह लाइफ भी कह सकते हैं दिमाग से इंटेलेक्चुअल नहीं जाना जा सकता बल्कि एक्सपीरियंस महसूस किया जा सकता है हर इंसान सच अपने तरीके से पहुँच सकता है इसलिए उसे अपने आप को एक्सेप्ट करना होगा और लाइट के साथ रहना होगा तब इसे जीने के लिए के अपनी इंस्टिंक्ट और गट्स पर विश्वास होना चाहिए और यह सोच उसके जीवन के हर पहलू को मीलती है दुरुस्त रहते है जिंदगी हमेशा बदलती रहेंगी अगर इसके साथ बदलना सीखा तो हमेशा रजिस्टेंस यानी रुकावट खेलते रहोगे इसका उल्टा शायद हम को हिट करे अगर हम लाइफ में अक्सर रुकावट झेलते हैं
तो हम ने अभी तक परिस्थिति के साथ बदलना या सुना नहीं जाना भूत अपने फेमस इंटरव्यू में कहते हैं कि लोग सोचते हैं कि पानी शांति की निशानी है लेकिन मेरी नजर में पानी बहुत शक्तिशाली है आप पानी को परेशान नहीं कर सकते उसे नुकसान नहीं सकते क्योंकि पानी कॉम्लेक्स है कोई भी आकार ले सकता है पानी सॉफ्ट होते हुए भी अपनी आइडेंटिटी बनाए रख सकता है बिना किसी चीज़ में फंसी वो लगातार बदलता रहता है सीखता रहता है ब्रो जो अक्सर फ़िल्म के डायलॉग लिखा करते एंटरटेनमेंट में कहते हैं
मैं स्टाइल स्टुअर्ट ब्रॉड फाइटिंग घुस लेना चाह रहे हैं कि चैलेंज को आकर ही रहेंगे लेकिन असली कला है बिना रिजेक्ट किए बिना परेशान हुए चैलेंजर्स के पास जाना मतलब चैलेंज को एक्सेप्ट करना और बिना मन की शांति हुए उसे पूरा करना