Padhai Mi Focus kase kare
इस दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं एक जो करते कुछ भी नहीं और सिर्फ बातें ही करते रहते हैं सिर्फ सोचते रहते हैं दूसरों को जो बहुत कुछ करना चाहता है बड़े बड़े गोल और बड़े बड़े सपने है लेकिन कोई भी गोल नहीं है बहुत सारे गोल है और तीसरा जिसके पास एक बोला वो सिर्फ उसी गोल पर काम करता है आप इन तीनों में से कौन सी कैटेगरी वाले इंसान हो ये आप डिसाइड कर लो
क्योंकि यह पहली कैटेगरी वाला आदमी कभी सफल नहीं हो पाता न तो पढ़ाई और ना ही जिंदगी के किसी भी मोड़ पर वहीं दूसरी कैटेगरी का व्यक्ति हमेशा भटकता रहता है मेहनत बहुत करता है लेकिन सफलता हासिल नहीं कर पाता एवरेज जिंदगी जीता वहीं तीसरा आदमी जो एक समय में सिर्फ एक गोलपर काम करता है जो जिंदगी में सफल होता है
जिसकी गोल को अचीव करना चाहता हासिल कर लेता है मल्टीटास्किंग रखने से हमारे दिमाग में बहुत ज्यादा प्रेशर होता है इससे फायदा और नुकसान ज्यादा होता है तनाव स्ट्रेस बढ़ जाता है लेकिन वहीं अगर आप अपने आप को हर एक ही क्लास कर देती है चाहे छोटा हो या फिर बड़ा टास्क हो आप उस काम को कम्प्लीट भी कर लेते हैं और साथ ही साथ आपको अंदर से खुशी होती है कि मैने अपना टास्क कम्पलीट किया इससे काम करने में पढ़ाई करने में ज्यादा मज़ा आता है
डेली आप अपने एक लक्ष्य पर फोकस करे कि आज आप अपनी एक लक्ष्य के लिए क्या करेंगे हमारे पास कल का वक्त नहीं है हमारे पास जो भी है केवल आज ही है लाइफ में कुछ भी करने के लिए यह कुछ भी पानी के लिए आपके अंदर एक प्रबल इच्छा शक्ति होनी चाहिए क्योंकि विल पावर के बगैर किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता विल पावर सबसे ज्यादा स्ट्रांग होती हैं सुबह के समय इस समय दिमाग भी तेजी से काम करता है बॉडी बिल्कुल फ्री रिलायंस होती है
लेकिन आज के समय में बहुत कम लोग ही सुबह जल्दी उठ पाते है रात के समय दिल और सबसे कम होती है जिसकी वजह से कई लोग जो पढ़ना चाहते हैं वो नहीं पढ़ पाते कल्पना ज्ञान से महत्वपूर्ण होती है आप जैसी कल्पना करते हैं वैसे ही बन जाते हैं आपका भविष्य भी वैसा ही बन जाता है इस सत्य पर कई तरह के शोध हुए हैं कई तरह की डिश हुए हैं और यह एट्टी परसेंट सत्य पाया गया है मैं आपको कितना भी अच्छा बता दू लेकिन अगर आपकी कल्पनाशक्ति कौन है
इस दुनिया की भीड़ से अलग हो क्योंकि दुनिया में जीतने भी आविष्कार हुए है कल्पना शक्ति के दम पर हुए हैं मानव मस्तिष्क चौबीस घंटे में साठ से ज्यादा विचार करता हैं पंद्रह हज़ार से ज्यादा बात पलकें झपकाते हैं
इस दौरान उसकी जुबान हिलती रहती है योगानुसार यदि आँखें बंद करके जुबान के हिलने डुलने को वो सांसों पर ध्यान दिया जाए तो विचार भी बंद हो जाती हैं विचारों बंद होने के बाद ही व्यक्ति सही ज्ञान को प्राप्त कर सकता है और इसे ही हम सही फोकस करेंगे क्योंकि फोकस मतलब यह नहीं है कि दस काम करते हैं तो दस दस काम कर लिए जाए बल्कि एक काम को करो और उसे पूरा करो!